उत्तर प्रदेश सहिंता की धारा(up revenue code 2006) की 67(1) के बारे
उक्त धारा के बारें में उत्तर प्रदेश के स्थाई व अस्थाई व्यक्ति इसके बारे में जान चुके हैं कि उपरोक्त धारा अवैध कब्जे से सम्बंधित है।इसको सुनकर कुछ लोगों के तो पैर भी कापने लगते हैं।क्योंकि इस धारा के सहारे हम अतिक्रमी को ग्राम समाज की
67 (1) व 67 A एक ही धारा है या अलग अलग है।यदि यह अलग है तो डराने वाली धारा तो नहीं है चलिये जानते हैं। जो गरीब समुदाय के लोग हैं जो कि sc व st वर्ग व उनके रहने के निवास स्थान का सहारा मात्र वही आशायना नहीं है या फिर यह कह कि वहीँ घर है। तो आपको तनिक भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं रहेगी यदि आप अंतिम शर्त यह भी कि अतिक्रमण कर्ता 29 नबम्बर 2012 से पहले यदि काबिज हैं तो उसको खुशखबरी है क्योंकि इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश की राजस्व सहिंता में निर्णायक मत कब्ज़े धारक की ओर किया गया है।इतना ही नहीं इसका लगान भी देय नहीं होगा।लेकिन वह व्यक्ति
सार्वजनिक भूमि पर काबिज न हो।यदि अतिक्रमण कर्ता इस प्रकार की शर्तें पूरी करता है तो उसको 200 वर्ग मीटर आवासीय पट्टा उसी स्थान पर स्वीकृत कर दिया जाएगा।अर्थात उतना हिस्सा आवासीय नाम से खतौनी में दर्ज कर दिया जायेगा और न ही हम, कभी उसे बेदखल नहीं कर सकतें ,क्योंकि राजस्व सहिंता के अनुसार उसको आवासीय भूमि की श्रेणी में रखा गया है।
उपरोक्त तथ्यों को त्रुटि रहित बनाने की पूर्ण कोशिश की गई है यदि किसी प्रकार की त्रुटि महसूस हो,तो आप अपना अमूल्य सुझाव अवश्य दें।धन्यवाद
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