उत्तर प्रदेश राजस्व सहिंता (U.P Revenue code 2006 ) की धारा 116 जोत बटवारे के बारे में उदाहरण सहित समझें?
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| U.P land revenue act , section 116 |
एक गाँव में दो भाई राम व श्याम रहते थे।वे ग्राम सहसपुर तप्पा सिमरिया परगना अशरफपुर तहसील शाहबाद जिला रामपुर के निवासी थे।दोनों भाई पिता के जीवन काल में बड़ें प्रेम भाव से रहते थे।एक दिन अचानक पिता की तबीयत खराब होगी ,आनन फानन में नजदीकी झोला छाप डॉक्टर से इलाज कराया लेकिन आराम नहीं पड़ा,शंनै शंनै पिता की तबीयत खराब होती गई, गरीबी ने उनको चिरकालीन नींद में सुला दिया।इतना नहीं कुछ दिन बाद,पिता की मृत्यु के बाद अब एक घर के बीच मे बड़ी से दीवार खड़ी होगी, कोई बात नहीं ,यह तो होना ही था।लेकिन जब जोत बटवारें का समय आया तो
आपसी सुलह के माध्यम से बंटवारा सम्भव नहीं हो सका।राम अपना हिस्सा सड़क के किराने लेना चाहता था ।उपरोक्त प्रकरण के सम्बंध में श्याम ने तहसील में तहरीर देता दी।वास्तविकता जानने के लिए निरीक्षण किया गया।तब उन दोनों को बताया कि आपका प्रकरण बटवारे से सम्बंधित है इसका निस्तारण उत्तर प्रदेश की राजस्व सहिंता( U.P Land revenue act section 116 )की धारा 116 के तहत उप जिलाधिकारी महोदय के न्यायालय में वाद दायर कर अनुतोष प्राप्त कर सकतें।
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